
कुछ लिखा होगा
फिर मिटा के
कुछ इज़हार किया होगा
कुछ छुपा के
वो असमंजस, वो हिचक
जो कलम की रुकावट में छुप गई थी
उसका भी एहसास
लाई है ये चिट्टी
शब्द ही नहीं
खुशबु और जज़्बात
भी लाई है ये चिट्टी
कुछ लिखा होगा
फिर मिटा के
कुछ इज़हार किया होगा
कुछ छुपा के
वो असमंजस, वो हिचक
जो कलम की रुकावट में छुप गई थी
उसका भी एहसास
लाई है ये चिट्टी
शब्द ही नहीं
खुशबु और जज़्बात
भी लाई है ये चिट्टी