कुछ खोया नहीं
सब पाया है
जो बांट दिया
वो कहां गवाया है
इनसे मिला हूं
उनको पहचानता नहीं
सब अपने है
कौन पराया है
ये शोहरत का क्या
आज है कल नहीं
दुआओं को हमेशा
अपने साथ पाया है
कोई याद रखे
ऐसी ख्वाहिश तो नहीं
लम्हे खुशी के याद करके
कोई तो मुकुराया है

कुछ खोया नहीं
सब पाया है
जो बांट दिया
वो कहां गवाया है
इनसे मिला हूं
उनको पहचानता नहीं
सब अपने है
कौन पराया है
ये शोहरत का क्या
आज है कल नहीं
दुआओं को हमेशा
अपने साथ पाया है
कोई याद रखे
ऐसी ख्वाहिश तो नहीं
लम्हे खुशी के याद करके
कोई तो मुकुराया है